गणपति फोटो वास्तु टिप्स: घर के लिए कौन सी गणेश मूर्ति सबसे अच्छी है?

By
Rajat Piplewar

गणेश जी की मूर्ति: घर में सकारात्मकता और समृद्धि लाने का उपाय

अगर आप अपने घर को जबरदस्त सकारात्मकता से भर देना चाहते हैं, तो इसके लिए सबसे बेहतरीन उपाय है कि आप भगवान गणेश की मूर्ति को अपने घर लाएं। हिंदू माइथालॉजी के अनुसार, भगवान गणेश को प्रसन्नता और आनंद का प्रतीक माना गया है। वह घर के रक्षक भी माने जाते हैं। गणेश की मूर्ति या फोटो अधिकतर मुख्य दरवाजे के पास रखी जाती है, ताकि घर के भीतर नकारात्मक ऊर्जा नहीं आए। इसी के साथ वास्तुशास्त्र के अनुसार यह जरूरी है कि आप भगवान गणेश की मूर्ति या फोटो को घर में सही जगह और दिशा में रखें।

गणेश जी की मूर्ति के लिए वास्तु टिप्स

गणेश जी की मूर्ति की दिशा और स्थान

वास्तु के जानकार बताते हैं कि घर में गणेश की मूर्ति या फोटो को पश्चिम, उत्तर या उत्तर-पश्चिम दिशा में रखना अच्छा होता है। याद रखें कि गणेश की सभी फोटो का मुंह उत्तर दिशा में होना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि इस दिशा में भगवान शिव, जो गणेश जी के पिता हैं, रहते हैं। आप गणेश की मूर्ति को मुख्य द्वार पर रखें, जिसका चेहरा एंट्रेंस की दिशा में हो। भगवान गणेश की मूर्ति के मुंह को कभी भी दक्षिण दिशा में न रखें।

किस तरह की गणेश मूर्ति घर के लिए कितनी अच्छी है?

गणेश की मूर्तिप्रभाव
चांदी के गणेशयश
पीतल के गणेशसमृद्धि और आनंद
लकड़ी के गणेशअच्छा स्वास्थ्य और लंबी उम्र
क्रिस्टल के गणेशवास्तु दोष निवारण
हल्दी के गणेशसौभाग्य और शुभ
कॉपर के गणेशनए जोड़ों के लिए शुभ
आम, पीपल और नीम के गणेशएनर्जी और गुड लक
गाय के गोबर के गणेशसौभाग्य के प्रतीक

गणेश के प्रकार

गणेश जी के 32 रूप होते हैं, जो अलग-अलग आपदाओं से रक्षा के लिए माने जाते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख रूप हैं:

  • बाल गणेश (बच्चे के रूप में)
  • तरुण गणपति (युवा रूप में)
  • भक्ति गणेश (भक्त के रूप में)
  • वीरा गणपति (वीर रूप में)
  • शक्ति गणपति (ताकतवर रूप में)
  • द्विज गणेश (गणपति, जो दुबारा पैदा हुए)
  • सिद्धि गणेश (सिद्ध रूप में)
  • उछिष्ट गणपति (आशीर्वाद देते हुए)
  • विघ्न गणेश (विघ्न डालने वाले)
  • शिप्रा गणेश (मनाने पर तुरंत मान जाने वाले)
  • हेरंब गणेश (मां के दुलारे बेटे)
  • लक्ष्मी गणेश (सौभाग्यशाली, मां लक्ष्मी के समान)
  • महा गणपति (महान गणेश)
  • विजय गणपति (विजेता गणेश)
  • नृत्य गणेश (डांस करते गणेश)
  • उर्ध्व गणपति (गणेश का वृहद रूप)
  • एकाक्षरा गणेश (गणेश का एक अंश)
  • वरा या वरदा गणेश (वरदान देने वाले)
  • त्रिअक्षरा गणेश (तीन अक्षरों के रूप में)
  • शिप्रा प्रसाद गणपति (जो तुरंत फल देते हों)
  • हरिद्रा गणेश (कुमकुम कलर के गणेश)
  • एकदंत गणेश (एक दांत वाले गणेश)
  • सृष्टि गणपति (निर्माता के रूप में गणेश)
  • उद्दंड गणपति (न्याय देने वाले)
  • ऋणमोचन गणेश (कर्ज से मुक्ति दिलाने वाले)
  • ढुंढि गणेश (लोकप्रिय गणेश)
  • द्विमुखा गणपति (दो सिर वाले गणेश)
  • त्रिमुखा गणपति (तीन मुंह वाले गणपति)
  • सिंह गणपति (सिंह के समान वीर)
  • योग गणपति (योग पोस्चर में बैठे गणेश)
  • दुर्गा गणेश (अजेय गणेश, मां दुर्गा के समान)
  • संकटहरण गणेश (विघ्नहर्ता गणेश)

गणेश जी की मूर्ति की मुद्रा और सूंड की दिशा

घर में गणेश जी की मूर्ति लाते समय उनकी मुद्रा पर ध्यान देना न भूलें। आदर्श रूप से ललितासन में गणेश जी की तस्वीर या मूर्ति को सबसे अच्छा माना जाता है। इसे बैठे हुए गणेश जी के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि यह शांति को दर्शाता है। इसके अलावा, लेटे हुए स्थिति में गणेश जी की तस्वीरें भी बहुत भाग्यशाली मानी जाती हैं क्योंकि यह विलासिता, आराम और धन का प्रतीक है।

जब भी गणपति की मूर्ति घर के भीतर लगाएं तो उसके सूंड के बारे में विशेष ध्यान रखें। वास्तुशास्त्र के अनुसार यह ध्यान रखें कि मूर्ति की सूंड बाईं दिशा में ही हो। दाईं दिशा में सूंड का होना अच्छा नहीं माना जाता।

मोदक/लड्डू और चूहा

जब भी गणेश की मूर्ति खरीदें, यह ध्यान रखें मूर्ति में लड्डू और चूहा जरूर बने हों। ऐसा इसलिए क्योंकि चूहा गणेश का वाहन माना जाता है। जबकि ऐसी मान्यता है कि लड्डू गणेश जी का फेवरेट स्वीट है। गणेश मूर्ति वहां लगाई जानी चाहिए, जहां घर का एंट्रेंस हो।

किस कलर की गणेश मूर्ति घर के लिए आदर्श होगी?

वास्तुशास्त्र के अनुसार जो लोग घर में शांति और संपन्नता चाहते हैं, उनके लिए व्हाइट कलर की मूर्ति उपयुक्त रहेगी। जो लोग सेल्फ ग्रोथ चाहते हों, उन्हें वर्मिलान कलर (सिंदूरी रंग) की गणेश मूर्ति घर में लानी चाहिए। सफेद गणेश जी धन, सुख और समृद्धि को आकर्षित करते हैं। हमेशा याद रखें कि भगवान की पीठ घर के बाहर की ओर होनी चाहिए।

गणेश जी की स्थापना के लिए वास्तु डायरेक्शन

ऐसे स्थानों पर गणेश जी को न रखें: वास्तु के जानकारों के अनुसार गणेश जी की मूर्ति को बेडरूम, गैरेज या कपड़े धोने वाली जगह पर नहीं रखना चाहिए। इस मूर्ति को सीढ़ियों के नीचे और बाथरूम के नजदीक भी नहीं रखना चाहिए। क्योंकि गैरेज और कार पार्किंग वाले स्थान खाली माने जाते हैं और यहां किसी देवी-देवता की स्थापना करना अनुचित होता है। ये स्थान किसी भी वास्तु आइटम को रखने के लिए भी अनुपयुक्त होते हैं।

गणेश जी को यह चढ़ाएं

एक छोटे कटोरे में चावल भरकर गणेश जी को अर्पित किया जाना चाहिए। गणेश प्रतिमा को हमेशा ऊंचे स्थान पर रखें।

मोदक

मोदक गणपति का फेवरिट स्वीट है। मोदक कई प्रकार के आते हैं। आप कोई भी खरीद सकते हैं।

सटोरी

महाराष्ट्र का एक व्यंजन फ्लैटब्रेड है, जिसे गणपति पूजन के समय उनके भोग की रेस्पी में रखा जाता है।

मोतीचूर लड्डू

मोदक के अलावा मोतीचूर का लड्डू गणेश जी को बहुत पसंद है, ऐसा माना जाता है। कुछ लोग गणेश को दूर्वा-दल (एक प्रकार की घास) भी चढ़ाते हैं।

गणेश मूर्ति का महत्व और मतलब

घर में गणेश की मूर्ति लगाना या उनकी फोटो रखना गुड लक और प्रासपरिटी का प्रतीक है। गणेश जी की मूर्ति संपूर्ण जीवन का प्रतीक है। यह हमें इन महत्वपूर्ण सिद्धांतों को सिखाती है:

  • बड़ा सिर, बड़ा सोचने के लिए
  • लंबे कान, बातों को सावधानी से सुनने के लिए
  • छोटी आंखें, कन्सनट्रेशन के लिए
  • छोटा मुंह, कम बोलने के लिए
  • लंबी सूंड़-सबको एडाप्ट करने के लिए
  • एक दांत-एकाग्रता के लिए
  • बड़ी तोंद-अच्छा और बुरा सभी को पचाने के लिए
  • चार हाथ –चार विशेषताओं-माइंड, इन्टीलेक्ट, इगो को समेटने के लिए

गणेश जी की मूर्ति की डिजाइन में एक पैर ऊपर उठा हुआ और दूसरा जमीन पर, इस बात का प्रतीक है कि व्यक्ति को आध्यात्मिक और भौतिक दोनों दुनिया में शामिल होना चाहिए।

गणेश उत्सव के लिए गणेश प्रतिमा को घर लाना

10 दिवसीय गणेश चतुर्थी उत्सव की शुरुआत के साथ कई लोग गणेश जी की मूर्ति को घर लाते हैं। एक नई गणपति मूर्ति को घर लाते समय मूर्ति के चेहरे को ढक दिया जाता है और इसका अनावरण केवल स्थापना के दौरान किया जाता है। मूर्ति, जिसे त्योहार के दौरान घर लाया जाता है, को डेढ़ दिन, तीन दिन या 10 दिनों के बाद विसर्जित कर दिया जाता है। जैसे-जैसे अधिक से अधिक लोग पर्यावरण के प्रति जागरूक होते जा रहे हैं, वैसे-वैसे घर के लिए पर्यावरण के अनुकूल गणेश जी की मूर्ति, जो विसर्जन के दौरान आसानी से घुल जाती हैं, चुनने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है। इसके अलावा, कई अन्य विकल्प हैं, जैसे गणेश जी की वो मूर्ति जिन्हें विसर्जित करने पर वो एक पौधा बन जाता है। कई लोग इस विकल्प को चुन रहे हैं। अगर आपके घर पर एक छोटा मंदिर है तो आप गणेश जी की छोटी मूर्ति चुनें और सुनिश्चित करें कि आप उनको स्थापित करते समय वास्तु नियमों का पालन करें।

धन के लिए कौन सी गणेश मूर्ति अच्छी है?

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में गणपति की सफेद तस्वीर या मूर्ति रखने से परिवार में धन और समृद्धि आती है। हालांकि, गणेश जी को स्थापित करते समय सभी वास्तु नियमों का पालन करना आवश्यक है। उदाहरण के लिए, गणेश जी की पीठ घर के बाहर होनी चाहिए।

क्या गणेश जी की मूर्ति घर के बाहर रख सकते हैं?

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में सकारात्मकता लाने के लिए घर के एंट्रेंस को शुभ प्रतीक चिन्हों से सजाना चाहिए। आमतौर पर लोग सौभाग्य के प्रतीक चिन्ह के रूप में दरवाजे पर देवी-देवताओं की तस्वीरें लगाते हैं। हालांकि, घर के एंट्रेंस पर या मुख्य द्वार के ऊपर गणेश जी की मूर्ति नहीं लगानी चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि गणेश जी की मूर्ति को घर की ओर पीठ करके लगाने से बचना चाहिए क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है। अगर मूर्ति लगानी ही है; घर के प्रवेश द्वार के भीतरी हिस्से में गणेश जी की मूर्ति लगा सकते हैं।

गणेश जी की तस्वीर और मूर्ति लगाने से वास्तु दोष दूर होते हैं

वास्तु शास्त्र के अनुसार, गणेश जी की तस्वीर और मूर्ति को घर में रखने से वास्तु दोषों की वजह से होने वाले बुरे असर को दूर करने में मदद मिल सकती है। भगवान ब्रह्मा ने वास्तु पुरुष के अनुरोध पर वास्तु शास्त्र के नियमों का निर्माण किया था। गणेश जी की पूजा करने से वास्तु देवता प्रसन्न होते हैं। वास्तु के हिसाब से घर का निर्माण सुख, समृद्धि और प्रगति सुनिश्चित करता है।

अगर घर के मुख्य द्वार पर एकदंत गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर हो तो दूसरी तरफ उसी जगह पर गणेश जी की इस प्रकार मूर्ति स्थापित करनी चाहिए कि दोनों गणेश जी की पीठ मिल जाए। ऐसा करने से वास्तु दोषों के असर से होने वाली नकारात्मकता कम होती है।

इसके अलावा, वास्तु शास्त्र के अनुसार सफेद रंग के गणेश जी को स्थापित करने और सिंदूरी रंग के गणेश की पूजा करने से घर से वास्तु दोष दूर होते हैं। गौरतलब है कि गणेश जी की प्रतिमा में उनका पसंदीदा मोदक या लड्डू और उनका वाहन चूहा जरूर होना चाहिए, जिसे वास्तु दोषों को ठीक करने के लिए आदर्श माना जाता है।

निष्कर्ष

गणेश जी की मूर्ति को घर में स्थापित करना न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह वास्तुशास्त्र के अनुसार भी घर में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि लाने का एक महत्वपूर्ण उपाय है। सही दिशा, सही प्रकार की मूर्ति और सही स्थान पर गणेश जी की मूर्ति रखने से घर में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है। इसलिए, जब भी आप गणेश जी की मूर्ति को घर में स्थापित करें, तो इन सभी वास्तु टिप्स का ध्यान रखें और अपने घर को सकारात्मकता से भर दें।

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