क्या होता है एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट, क्यों पड़ती है इसकी जरूरत

By
Rajat Piplewar

एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट (EC) क्या है और इसे कैसे प्राप्त करें?

एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट (EC) एक महत्वपूर्ण कानूनी दस्तावेज है जो संपत्ति खरीदने या बेचने के दौरान कई सवालों के जवाब देता है। यह सर्टिफिकेट यह सुनिश्चित करता है कि संपत्ति किसी भी कानूनी या वित्तीय बोझ से मुक्त है। आइए जानते हैं कि एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट क्या है, इसकी जरूरत कब पड़ती है, और इसे कैसे प्राप्त किया जा सकता है।

एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट क्या है?

एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट एक कानूनी दस्तावेज है जो यह प्रमाणित करता है कि संपत्ति किसी भी कानूनी विवाद या वित्तीय बोझ से मुक्त है। यह सर्टिफिकेट यह भी बताता है कि संपत्ति बैंक के पास गिरवी रखी है या नहीं। इसके अलावा, यह सर्टिफिकेट यह भी दिखाता है कि संपत्ति का वर्तमान मालिक कौन है और यह कितने लोगों के पास रह चुकी है।

एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट के फायदे

  • कानूनी सुरक्षा: यह सर्टिफिकेट यह सुनिश्चित करता है कि संपत्ति किसी भी कानूनी विवाद से मुक्त है।
  • वित्तीय सुरक्षा: यह सर्टिफिकेट यह भी बताता है कि संपत्ति पर कोई वित्तीय बोझ नहीं है।
  • मालिकाना हक: यह सर्टिफिकेट यह भी दिखाता है कि संपत्ति का वर्तमान मालिक कौन है।

एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट की जरूरत कब पड़ती है?

प्रॉपर्टी खरीदते समय

जब आप प्रॉपर्टी खरीदते हैं, तो यह सर्टिफिकेट यह सुनिश्चित करता है कि संपत्ति किसी भी कानूनी या वित्तीय बोझ से मुक्त है।

होम लोन लेते समय

बैंक आमतौर पर होम लोन एप्लिकेशन मंजूर करने से पहले एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट की मांग करते हैं।

प्रॉविडेंट फंड से पैसा निकालते समय

अगर आप प्रॉपर्टी खरीदने के लिए अपने प्रॉविडेंट फंड से पैसा निकालते हैं, तो आपका नियोक्ता आपसे एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट की मांग करेगा।

प्रॉपर्टी म्यूटेशन के लिए

प्रॉपर्टी खरीदने के बाद, मालिक को सरकारी दस्तावेजों में प्रॉपर्टी म्यूटेशन के जरिए मालिकाना हक के हस्तांतरण को दर्ज कराना होगा।

प्रॉपर्टी बेचते समय

विक्रेता को आवेदन करने और इसे खरीदार को दिखाने के लिए सरकारी रिकॉर्ड से दस्तावेज को हासिल करना होगा।

एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट कैसे प्राप्त करें?

आवश्यक दस्तावेज

  • अड्रेस प्रूफ
  • दस्तखत
  • प्रॉपर्टी की जानकारी
  • डीड की कॉपी (अगर उपलब्ध हो)

आवेदन प्रक्रिया

  1. आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं: संबंधित राज्य की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
  2. फॉर्म डाउनलोड करें: आवश्यक जानकारी भरें और दस्तावेज अटैच करें।
  3. मीसेवा केंद्र पर जाएं: नजदीकी मीसेवा केंद्र पर जाएं और फीस के साथ अपनी एप्लिकेशन सब्मिट करें।
  4. रसीद प्राप्त करें: सब्मिट करने के बाद रसीद हासिल करें।
  5. वेरिफिकेशन: एप्लिकेशन सब-रजिस्ट्रार दफ्तर में भेज दी जाएगी और वेरिफिकेशन के बाद सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा।

एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट के प्रकार

फॉर्म 15

इस फॉर्म में विरासत, बिक्री, खरीद, लीज, गिरवी, गिफ्ट, त्याग और प्रॉपर्टी के विभाजन जैसी जानकारियां होती हैं।

फॉर्म 16

इस फॉर्म में शून्य एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट जारी किया जाता है, जिसमें उस अवधि में कोई लेन-देन नहीं हुआ है।

ऑनलाइन एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट कैसे अप्लाई करें?

तेलंगाना में आवेदन प्रक्रिया

  1. मीसेवा पोर्टल पर जाएं: आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
  2. गवर्नमेंट फॉर्म्स पर क्लिक करें: स्टैंप्स एंड रजिस्ट्रेशन के तहत एप्लिकेशन फॉर्म ऑफ एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट डाउनलोड करें।
  3. फॉर्म भरें: आवश्यक जानकारी भरें और दस्तावेज अटैच करें।
  4. मीसेवा केंद्र पर जाएं: नजदीकी मीसेवा केंद्र पर जाएं और फीस के साथ अपनी एप्लिकेशन सब्मिट करें।
  5. रसीद प्राप्त करें: सब्मिट करने के बाद रसीद हासिल करें।
  6. वेरिफिकेशन: एप्लिकेशन सब-रजिस्ट्रार दफ्तर में भेज दी जाएगी और वेरिफिकेशन के बाद सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा।

एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट की फीस

एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए मामूली फीस होती है, जो विभिन्न राज्यों में 200-500 रुपये के बीच हो सकती है। हालांकि, उस अवधि के आधार पर शुल्क भिन्न हो सकते हैं जिसके लिए आप जानकारी मांग रहे हैं।

एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट प्राप्त करने में कितना समय लगता है?

ऑफलाइन एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट प्राप्त करने में 15 से 30 दिन का समय लग सकता है। यह दस्तावेज उन राज्यों में 6 से 7 दिनों के लिए जारी किया जाता है जहां प्रमाणपत्र ऑनलाइन जारी किया जाता है।

एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट की अवधि

एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट 12 से 30 साल की अवधि के लिए लिया जा सकता है।

एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट क्यों जरूरी है?

एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट यह साबित करता है कि प्रॉपर्टी कानूनी और वित्तीय पचड़ों से मुक्त है या नहीं। खरीदार प्रॉपर्टी खरीदने के फैसले से पहले विक्रेता से इसे मांग सकते हैं।

जरूरी चेतावनी

विक्रेता से एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट हासिल करने के अलावा खरीदार को बारीकी से जांच करनी चाहिए और खुद जाकर सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी भी तरह के एन्कम्ब्रन्स से प्रॉपर्टी मुक्त है।

EC से जुड़े नए अपडेट

ऑनलाइन आवेदन और वितरण

भारत के ज्यादातर राज्य अब EC के ऑनलाइन आवेदन और वितरण की अनुमति देते हैं। इसने नागरिकों के लिए प्रोसेस को ज्यादा आसान बना दिया है।

भूमि रिकॉर्ड सिस्टम के साथ एकीकरण

कई राज्यों में, EC को अब भूमि रिकॉर्ड प्रणालियों के साथ जोड़ दिया गया है। इसका मतलब है कि EC पर डेटा रियल टाइम में अपडेट किया जाता है, जिससे यह ज्यादा विश्वसनीय और सटीक हो जाता है।

कम की गई फीस

कुछ राज्यों ने EC प्राप्त करने की फीस कम कर दी है। इससे नागरिकों के लिए यह दस्तावेज़ प्राप्त करना ज्यादा किफायती हो गया है।

भारत के अन्य राज्यों के EC से संबंधित अपडेट

तमिलनाडु

तमिलनाडु सरकार ने हाल ही में संपत्ति की बिक्री और दान के पंजीकरण के लिए स्टांप फीस कम कर दी है। इससे नागरिकों के लिए EC प्राप्त करना ज्यादा किफायती हो गया है।

कर्नाटक

कर्नाटक सरकार ने नागरिकों के लिए कावेरी पोर्टल के माध्यम से EC के लिए ऑनलाइन आवेदन करना संभव बना दिया है। इससे यह प्रक्रिया ज्यादा सुविधाजनक हो गई है।

तेलंगाना

तेलंगाना सरकार ने अपनी EC प्रणाली को अपनी भूमि रिकॉर्ड प्रणाली के साथ जोड़ दिया है। इसका मतलब है कि EC पर डेटा रियल टाइम में अपडेट किया जाता है, जिससे यह ज्यादा विश्वसनीय और सटीक हो जाता है।

निष्कर्ष

एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट (EC) एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो संपत्ति की कानूनी और वित्तीय स्थिति के बारे में जानकारी प्रदान करता है। इसे प्राप्त करना न केवल खरीदारों के लिए बल्कि विक्रेताओं के लिए भी महत्वपूर्ण है। यह सुनिश्चित करता है कि संपत्ति किसी भी कानूनी या वित्तीय बोझ से मुक्त है, जिससे संपत्ति का लेन-देन सुरक्षित और पारदर्शी हो जाता है। इसलिए, प्रॉपर्टी खरीदने या बेचने से पहले एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट की जांच अवश्य करें।

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